लाइब्रेरी में जोड़ें

भारतीय तटरक्षक शुभकामना

।।तटरक्षक सेना को नवण प्रणाम।।
आज माघ बदी ग्यारस विक्रमी संवत् 2079 बुधवार तदनुसार प्रथम फरवरी, 2023 को तट रक्षक बल का 46वाँ स्थापना दिवस है। इसी अवसर पर लेखनी के लिए सादर तट रक्षक बल की कहानी काव्य रचनाः

*भारतीय तटरक्षक शुभकामना* 
*सदैव सफलता से सबका सामना*

भारतीय तटरक्षक देश स्तम्भ है,
शांतिकाल समुद्र के रक्षारम्भ है।
अनुशासन र मर्यादा की बाड़ है,
अर्पण जलसीमा रक्षा दीवार है।।

18 अगस्त, 1978 के साल में,
तटरक्षक बनी भारत विशाल में।
स्वतंत्र  सशस्त्र  बल के स्वरूप,
संसद तटरक्षा अधिनियम 1978,
लगी समुद्री तट की  सम्भाल में।।

'वयम रक्षामः हम रक्षा करते हैं,
तटरक्षक आदर्श वाक्य रखते हैं।
एक फरवरी, 1977 में स्थापित,
रक्षा मंत्रालय भारत  नई दिल्ली,
मुख्यालय उसी स्थल पे रखते हैं।।

भारती संसद इसकी संस्थापक है,
एक फरवरी,1977 से व्यापक है।
हेलीकॉप्टर संग  एचएएल ध्रुव है,
हेलीकॉप्टर  एचएएल चेतक है।।

तटरक्षक के एक महानिदेशक है,
सहायता में 4उप महानिदेशक है।
हरेक के पास महानिरीक्षक पद है,
द्वितीय-इन-कमांड महानिदेशक है।। 

वीरेंद्रसिंह पठानिया महानिदेशक,
भारतीय तटरक्षक ध्वज ना शक।
वी.एस. पठानिया मौजूदा समय,
वीएस पठानिया पीटीएम, टीएम,
31 दिसंबर, 2021 से  कार्यरत।।

प्रथम फरवरी, 2023 आ रहा है,
भारतीय तटरक्षक ये बता रहा है।
ये तट रक्षक खुशियां बहा रहा है,
46वाँ स्थापना दिन मना रही है।।

तटरक्षक विश्व का  चौथा बेड़ा है,
वैश्विक बल का रूप लेके खड़ा है।
तटरक्षक बल ने भारतीय तट की,
सुरक्षा र' समुद्री क्षेत्रों में अड़ा है।।

ये सेना नियम निभाने को आई है, 
सेना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ये रक्षा मंत्रालय अधीन कार्यरत,
एक सशस्त्र बल  शान बनाई है।।

बचाव एवं समुद्री कानून प्रवर्तन,
रहती नित्य खोज में है कार्यरत।
मुख्यालय जिसका नई दिल्ली है,
एजेंसी के स्वरूप में है कार्यरत।।

रूक्तम समिति के ये आमंत्रण में,
उनकी ही कमान अर नियंत्रण में।
भारतीय समुद्री क्षेत्रों को था पाँच,
तट रक्षक क्षेत्रों के विभाजन में।।

जिस में उत्तर-पश्चिम काबिल है,
उत्तर-पूर्व तट रक्षक  शामिल है।
पश्चिम-पूर्व एक भाग  कायम है,
अंडमान र' निकोबार शामिल हैं।।

इनके मुख्यालय क्रमशः बनाई,
गांधीनगर, मुंबई और है चेन्नई।
कोलकाता में एक मुख्यालय है,
पोर्ट ब्लेयर में उपस्थिति बताई।।

तटरक्षकों के प्राथमिक कर्तव्य है,
समुद्री रस्ते तस्करी बेन मंतव्य है।
सन्निहित 'र' अनन्य आर्थिक क्षेत्र,
भारती जलक्षेत्र अधिकर्तव्य है।।

भारतीय समुद्री क्षेत्रों में स्मरण,
समुद्री पर्यावरण करते संरक्षण।
भारतीय जलक्षेत्र तेल रिसाव में,
साथ देवे प्रतिक्रिया प्राधिकरण।।

तटरक्षक दे नागरिक सहायता,
आपदाकाल जनजान बचाता।
विभिन्न कार्यों दौरान अब तक,
13,000 नागरिक चुका बचा।।

समय समय पे दे बाढ़ राहत है,
चक्रवातों में जनजीवन बचाता।
अन्य प्राकृतिक आपदाओं में है,
नागरिकों को है निर्भय बनाता।।

तटरक्षक बनाए सशक्त रक्षा तंत्र,
कड़़ी निगरानी इसमें है मूलमन्त्र।
केंद्र अर राज्य एजेंसियों के संग,
निकट समन्वय कार्य है स्वतन्त्र।।

अंतर्राष्ट्रीय  समुद्री  अपराधों का,
मुकाबला अर हक अवरोधों का।
हिंद महासागर क्षेत्र  समुद्री रक्षा,
सहयोग करता तटवर्ती देशों का।। 

सागर पहल अर नेबरहुड फर्स्ट’,
की नीति के  अधीन  तटरक्षक।
महासागरीय व्यावसायिक संबंधों,
के सदा  विकास में रहे संलग्न।।

पृथ्वीसिंह' तटरक्षक से प्रशस्त है,
परस्पर  सम्मान  देश की छत है।
देशभक्ति देश रूप घर आंगन है,
सद्चरित्र सैनिक पूजन कक्ष है।।
©®  
--
'कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई'
राष्ट्रीय सचिव, जेएसए, बीकानेर,
लेखक, पत्रकार, साहित्यकार, हॉउस नं. 313, 
सेक्टर 14 (श्री ओ३म विष्णु निवास) हिसार
(हरियाणा)-125001 भारत
फोन नंबर-9518139200,
व्हाट्सएप-9467694029

   10
3 Comments

Varsha_Upadhyay

06-Feb-2023 05:19 PM

शानदार

Reply

Gunjan Kamal

05-Feb-2023 01:55 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

Reply

Renu

05-Feb-2023 11:55 AM

👍👍🌺

Reply